सुंदर पिचाई की कॉकरोच थ्योरी
Update: 2023-04-04
Description
" एक बार सुंदर पिचाई एक रेस्टोरेंट में गए । उन्होंने कॉफी का ऑर्डर दिया और देखा की सामने एक महिलाओं का समूह भी बैठा हुआ है । अचानक एक कॉकरोच कहीं से उड़ कर आया और उस समूह की महिलाओं में से एक पर बैठ गया । वह डर के मारे चिल्लाने लगी । घबराए हुए चेहरे और कांपती आवाज़ के साथ , वह उछलने लगी , और अपने दोनों हाथों से कॉकरोच से छुटकारा पाने की पूरी कोशिश करने लगी । उसकी प्रतिक्रिया देखकर ग्रुप की अन्य महिलाये भी घबरा रही थी । महिला आखिरकार कॉकरोच को दर भगाने में कामयाब रही लेकिन वह तत्काल समूह की एक अन्य महिला पर बैठ गया । अब , दूसरी महिला भी डर से काँपने और चिल्लाने लगी । तभी वेटर उनके बचाव के लिए आगे आया । और उसको भगाने की कोशिश में कॉकरोच वेटर के ऊपर आ गया । " लेकिन वेटर दृढ़ता से खड़ा था , उसने खुद की शर्ट पर बैठे कॉकरोच को बिना ज्यादा हिले डुले ध्यान से देखा और उसके व्यवहार का अवलोकन किया । उसके बाद उसने मौका देखकर कॉकरोच को अपनी उंगलियों से पकड़ लिया और रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया । ये सब देखकर सुन्दर पिचाई के मन में एक विचार आया और वो आश्चर्यचकित हो गए।" क्या कॉकरोच उन महिलाओं के डर और घबराहट के लिए जिम्मेदार था ? यदि ऐसा है , तो वेटर क्यों नहीं डरा या घबराया ? बल्कि वेटर ने बहुत आसानी से कॉकरोच को हैंडल किया । उन महिलाओं के डर का कारण कॉकरोच नहीं है बल्कि कॉकरोच को न संभाल पाना ही उनके डर और परेशानी का कारण है । तब उन्होंने महसूस किया कि " यह मेरे पिता या मेरे बॉस या मेरी पत्नी की चीख - चिल्लाहट नहीं है जो मुझे परेशान करती है , बल्कि उनकी चीख - चिल्लाहट के द्वारा उत्पन्न होने वाली परेशानी को न संभाल पाने की मेरी अक्षमता ही मेरी परेशानी का कारण होती है । सड़क पर ट्रैफिक जाम होना मेरी परेशानी नहीं है , बल्कि ट्रैफिक जाम के कारण हुई परेशानियों को न संभाल पाना ही मेरी परेशानी है।समस्या से ज्यादा , उस समस्या पर मेरी प्रतिक्रिया ही है जो मेरे जीवन में अशांति उत्पन्न करती है । कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में हैं और कुछ नहीं । हमारे नियंत्रण में जो चीजें है है - : हमारी राय , शौक इच्छा या एक शब्द में कहे तो हमारे अपने सभी प्रकार के कार्य । हमारे नियंत्रण में नहीं आने वाली चीजें शरीर , संपत्ति , प्रतिष्ठा या एक शब्द में कहे तो वो सब कुछ जो हम नहीं करते है ।" मैं समझ गया कि मुझे जीवन में प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए । मुझे हमेशा जवाब देना चाहिए । महिलाओं ने प्रतिक्रिया दी , जबकि वेटर ने जवाब दिया । प्रतिक्रियाएं हमेशा सहज होती हैं जबकि जवाबदेही में जिम्मेदारी का भाव होता है । खुश रहने वाला व्यक्ति इसलिए खुश नहीं है क्योंकि उसके जीवन में सब कुछ सही है । वो खुश हैं क्योंकि उनकी Life में हर चीज़ के प्रति उसका Attitude सही है .. !
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