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DHADKANE MERI SUN

DHADKANE MERI SUN
Author: Dr. Rajnish Kaushik
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© Dr. Rajnish Kaushik 2025
Description
Self composed various aspects of love, various feelings, sensations and colors of love with enchanting and melodious words of Hindi and Urdu language have been presented in a very poetic manner in every episode of this podcast . All the episodes of this podcast are solemnly dedicated to all the lovers just as the cycle of love never ends in the same way these love lyrics episode will move on, move on and move...
139 Episodes
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उल्फत की बातेँ जन्मों के वादे वो रस्में वो कसमें और जन्नत सी रातें कितने जवां और कितने थे पक्के पत्थर की मानिंद तेरे इरादे फिर भी तूने जुल्म ये ढाया क्यूँ बेवफा मुझे इतना रुलाया मोहब्बत थी या फिर आवारगी थी कैसी वो तेरी दीवानगी थी कैसी वो तेरी दीवानगी थी........
यह कोमल और चंचल मन मेरा, उससे दूर नहीं जाना चाहता, नजरों में बसा कर रखना चाहता है..बाहों के दरमियाँ ना सही..वो करीब से गुजर जाये.. बस. ऐसी अजनबी मुलाकातों में ही सही..। ना दर्द हो..ना गम हो ना बोझ हो इस दिल पर कोई राहे मोहब्बत में मुश्किलों के चलते.. गर हो छोड़ना.तो एक खूबसूरत सा मोड़ हो कोई
कभी तेरे नैनों पे लिखा तो कभी नैनों के मोतियों पे लिखा कभी तेरे मासूम चेहरे पे लिखा तो कभी चेहरे की मासूमियत वाली बातों पे लिखा कभी इश्क़-ए - मिजाजी पे लिखा तेरी तो कभी इश्क़-ए-दगाबाजी पे लिखा कभी ग़ज़ल लिखी कभी गीत लिखा तो कभी खत-ए-मोहब्बत लिखा
तू मुझमें और मैं तुझमे हूँ ख्वाब मेरा तू - मैं उसमें हूँ वादों में हूँ - इरादों में हूँ तू क्या जाने - किस किस में हूँ कब मिलेंगे - कहाँ मिलेंगे वक़्त का पहिया घूम रहा है दूर गगन में - अपनी मगन में दिल....SAIYAARA ....ढूँढ़ रहा है ...I
Janti ho.... Tumhare bagair mausam ki fizayen bhi Garjate badal - Barishen aur...purva hawayen bhi Mera sath dene se darti hain Aa jao ab to janam Ye...BARISHEN ... tumhe bada yaad karti hain....
Kitna hi suhana mausam kiyoon na ho ... Thandi hawaon ke jhonke hi kiyoon na ho.... Jhilmil sitaron se bhara aasman hi kiyoon na ho... Ya fir kiyoon na ho rimjhim barishon ki jhadi hi... Tab Kuchh bhi mahsoos nhi hota mujhe Sivay iske ki vo sab tapte registan ki manind jalate rahte hain mujhe...bhitar tk... Kiyoon ki..na sambhalta hai ye mn...aur na hi bahlta hi hai yah kabhi... DILBAR TERI YAAD ME DIL TADAPTA HAI ABHI ....
माना कि... जो मैंने किया वह प्रेम भी था और लगाव भी... मगर जो उसने किया वह स्वार्थ ही था और जो दिया वह घाव ही... घाव देते वक़्त उसने तनिक भी ना सोचा कि क्या होगा मेरा जो अपने मन के मंदिर में पूजता है उसे प्रेम की देवी...मोहब्बत का देवता बना कर...और क्या गुज़रेगी मेरे उस मन पर जब गुजर जायेगा करीब से वो आंखे चुरा कर...
मेरी सांसों में रहती है मगर आँखों से बहती है मैं तुझ बिन जी नहीं सकता धड़कने मेरी कहती हैं जो मिल जायेंगे मैं और तुम ज़मी जन्नत बनाऊंगा अमीरी हो या फकीरी हो सभी नखरे उठाऊंगा ज़माने भर की हर रौनक तेरे कदमो में लगाऊंगा कहेंगे लोग पागल जो गुज़र हद से भी जाऊँगा मरे सीने से लग के बस इतना सा ही कह दे तू मैं तेरी हूँ मै तेरी हूँ मैं तेरी हूँ..........
Masoomiyat ka haseen nazara thi voh, matlab har lafz me adakari -sahajta aur saralta wali yoon to haasil karne ki zid thi hume, chahte to paa sakte the use magar... pyaar kya hota hai usi ki masoom nigaho se seekha tha humne shaayad isiliye usko jaane diya uski khushi ke liye aur mohabbat ki had se guzarne lage hum, ishq karne lage hum, masoom kehne lage hum-masoom kehne lage hum...
ना शाखों ने जगहा दी...ना हवाओं ने बख्शा वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता...l
अब लफ्जों में हैं उसके खामोशियां अब रही ना वो पहले सी नजदीकियां आती नहीं मुझको अब हिचकियाँ जाती नहीं मन से क्यूं सिसकियाँ याद आती हैं उसकी वो सरगोशियां कहता था उसको मैं "मासूम" तब उसकी मासूमियत ये क्या हो गया वो जो मुझसे मिला मेरी जां हो गया मोहब्बत भरी दास्ताँ हो गया संग मेरे चला अंग भी वो लगा रफ्ता रफ़्ता मेरी जाने जां हो गया वो मासूम इश्क़ वो मासूम इश्क़ वो मासूम इश्क़
Some silences are louder than screams. Some eyes, deeper than oceans. This episode is not just a story — it’s a surrender. Of a heart that once loved without holding back, Of a soul that drank pain like wine — quietly, completely. "PAIMANE TERI AANKHON SE..." is for those who’ve ever looked into someone’s eyes and forgotten how to breathe. For those who’ve walked away carrying the weight of someone else’s goodbye. Tune in — not just to listen, but to feel. तू गुजर गई करीब से मेरा मयार छोड़ कर मैं डूब गया साकिया मोहब्बत में तेरी तेरा प्यार ओढ़कर ग़ज़ब का इश्क़ है मेरा धड़कनो से तू जाती ही नहीं कहीं तुझे क्या मालूम तेरे सारे दर्द मेरे हिस्से लिए थे मैंने पैमाने तेरी आँखों से जो पिये थे मैने कितने लम्हे रहगुज़र में तेरी जिये थे मैंने पैमाने तेरी आँखों से जो पिये थे मैंने...
तू कहती थी तेरी ही हूँ मैं तू कहती थी तेरी रहूंगी बगावत भी कर लूँगी जग से तेरी होने को सब कुछ सहूंगी समंदर की तरहा तू रहना मैं नदिया सी संग संग बहूँगी दर्द तूने दिया मर मिटा मैं लोग कहते हैं तू बेगुनाह थी आखिरी सांस तक तुझको चाहूँ तू क्या जाने तू मेरा खुदा थी बेपनाह इश्क़ करता था तुझसे मेरे जीने की तू ही वज़ह थी
मेरे इश्क़ का तू दरिया सागर मैं चाहतों का चाहें आये तूफ़ाँ कितने तेरा प्यार राहतों सा तू ही ज़ख्म तू ही मरहम तू ही दर्द की दवा है सासों में तेरी खुशबू आँखों में तू बसा है कहती है दुनिया सारी मुझे तेरा ही नशा है मुझे तेरा ही नशा है,
तुम जो धड़कती थी सीने में जिंदगी बनकर.....मेरे ज़िस्म मेरे शरीर में मेरी रूह बनकर.....मेरे दिल के हर हिस्से में दौड़ते रक्त प्रवाह की मानिंद..... कहीं तुम्हें कोई दर्द ना हो मेरी वज़ह से तुम्हें कोई आघात ना हो...मेरे प्रेम की निरंतरता उसकी एकाग्रता भंग ना हो नीरसता का एक अंश भी घर ना कर पाए हमारे प्रेम के अहसासों में.... शायद इसीलिए......तुम्हारी वह मोहब्बत जो अक्सर मुझसे छुअन मांगती थी मैंने तुम्हारे मोह का त्याग कर दिया.....क्योंकि.... वह चंचल मन मेरा बार बार तुमसे कहता था...... ...तुझे छूने को दिल करे........
ना अता ना पता ना खबर बड़ी मुद्दत हुई ना हुई कोई मुलाक़ात ना ही मुहब्बत हुई बड़ी बड़ी बातेँ वादे इरादे शायद भूल गया है वो ऐसी कैसी मुहब्बत में उसकी शिद्दत हुई माना के वो थोड़ा मगरूर था हुस्न ए जवानी पे अपनी...... पर बंदिश ए दुनिया में रहेगा इतना बेदम नहीं था वो हुस्न ए यारा मेरा किसी कातिलाना शबाब से कम नहीं था..... नशा इस कदर शामिल था उसकी अदाओं में कमबख्त किसी भी शराब से कम नहीं था जो लगा दे आग पानी में ...ऐसे किसी आफताब से भी कम नहीं था.... वो हुस्न ए यारा मेरा वो हुस्न ए यारा मेरा ....
My dear friends... मोहब्बत के जिन सिलसिलो से आप अभी तक रुबरु थे... एक बार फिर पेश-ए-खिदमत हूँ मोहब्बत के वैसे ही अफ़सानों के साथ... मगर एक नये अंदाज के साथ... यानि... आपके पसंदीदा शो Dhadkane Meri Sun का Season 4... जिसका पहला एपिसोड बहुत जल्द आपकी नज़र....। 💖 Let your heart beat to the rhythm of love once again… because some stories never fade, they just find new ways to touch your soul. 💖
शायद ही कभी भूल पाउंगा ..वह अधूरी मुलाक़ात-अधूरे ख्वाब... शायद रह जाएंगी मेरी आँखों में ...मेरी ही तन्हाईयां... रोयेंगे हर मौसम...सूरज चांद सितारे सब... वो देखेंगे जब... मेरे पानी के दोनों घरों में तुम्हारी ही परछाइयाँ... शायद रह जाएंगी मेरी आँखों में...मेरी ही तन्हाईयां.. क्यों कि हमारा मिलन तो तय था ... मगर बिछुड़ना तय नहीं था... इसलिए फिर से मुलाक़ात का कोई सवाल ही नहीं था.. मगर हो गई अब वह भी तय. .इसलिए हमे मिलना होगा अब अगले जनम... ये ज़रूरी है तुम आती रहना ख्वाबों ख्यालों में... ये मुलाक़ात तो वाक़ई अधूरी है
चाहतें देख कर लगता था कि बिछुड़ोगी ही नहीं कभी..... मीठे लफ्ज जब घुलते थे कानो में तो लगता था कि कड़वा बोलोगी ही नहीं कभी... मुस्कुराहटो के आलम तो क्या पूछो...इतने दिलनशी थे...लगता था कि जैसे रूठोगी ही नहीं कभी... मगर... ऐसी लगी नज़र... कि...कोई ताल्लुक ही ना रहा... और अब लगता है कि...उजड़े हैं ऐसे...कि जैसे फिर से बसेंगे भी नहीं कभी... तेरे इश्क़ के हाथों तबाह हुए हैं इस तरहा...के लगता है कि अब जुड़ेंगे भी नहीं कभी... मगर तुम्हारी याद बहुत आती है ....याद रखना... वह अलग बात है....कि मेरे दिल के सारे अरमाँ लुट गये...हिफाज़त करते करते तुम्हारी...हम खुद भी... ...लुट गये.... l
क्या क्या गुज़री थी मुझपे जब तुमने मुझको ठुकराया था ऐसे ही दिन दिखलाने को बरसों दिल बहलाया था राख में ख़ाक हुआ था मैं जब खत तुमने मेरा जलाया था वह खत जो दिल था मेरा जिसमें हर लफ्ज मोहब्बत लिखा था मैने इश्क़ ही इश्क़ लिखा था मैने जो खूं से नाम लिखा था मैने जो नाम तुम्हारा लिखा था मैने आखिरी खत था वह मेरा जिसको तुमने जला दिया था फिर धुएं में उसको उड़ा दिया था ....धुएं में उसको उड़ा दिया था....l
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