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Author: Sitaram Maaker
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दी पॉवर ऑफ़ हैबिट बुक को आप https://anchor.fm/hindiaudiobook इस लिंक पर क्लिक करके सुन सकते है।
यह पुस्तक सौ से भी अधिक शैक्षिक अध्ययनों, तीन सौ से भी अधिक वैज्ञानिकों और अधिकारियों के इंटरव्यू तथा दर्जनों कंपनियों पर किए गए शोधों पर आधारित है। यह पुस्तक आदतों की तकनीकी परिभाषा पर ध्यान केंद्रित करती है : आदतें वे चुनाव हैं, जो हम सब किसी एक समय पर सोच-समझकर करते हैं और फिर लगभग हर रोज़ बिना सोचे-समझे उन चुनावों को दोहराते रहते हैं।
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आज हम जिनसे पॉडकास्टिंग के टॉपिक पर बात करने वाले है मिस्टर अंकित सारस्वत जी से जो आजकल इंडिया की सबसे पोपुलर पॉडकास्टिंग एप्प KUKU FM के कंटेंट कम्युनिटी हैड के तौर पर काम कर रहे है. आइये आज हम इनसे समझते है की भारत में पॉडकास्टिंग के क्या मायने है, जिसमें आज के इस एपिसोड में हम जानेगे की #KUKUFM के माध्यम से इन्होने क्यों इस इंडस्ट्री को चुना? आज हम इनसे जो जानने वाले है वे उनमें से ये टॉपिक शामिल है:भारत में पॉडकास्टिंग कितना कारगर है और यह हमारे बिज़नस को बढाने में हमें कैसे हेल्प कर सकता है?आपकी पॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में एंट्री कैसे हुई और उस समय आपको कौनसे ऐसे कारण लगे यानी आपको यह कैसे और कब realize हुआ कि इस इंडस्ट्री में मुझे जाना चाहिए?आपने indian लैंग्वेज में पॉडकास्टिंग प्लेटफार्म बनाने को ही क्यों चुना?आपको क्या लगता है कि क्या पॉडकास्टिंग से वाकई indian अपने बिज़नस को बढ़ाने में इसकी हेल्प ले सकते है? हम कैसे अपने बिज़नस को बढाने में इसकी मदद ले सकते है?KUKU FM हमारे बिज़नस को बढाने में कैसे सहायक है?एक पॉडकास्टर के तौर पर मुझे KUKU FM ही क्यों चुनना चाहिए?आजकल और पहले से भी लगातार कौनसे ऐसे सब्जेक्ट है जो पॉडकास्ट में ट्रेंड कर रहे है?आप भारत में पॉडकास्टिंग के फ्यूचर को कैसे देखते है?पॉडकास्ट से, या खासकर KUKU FM से हम कमाई कैसे कर सकते है. या हम इसे इनकम का जरिया कैसे बना सकते है?KUKU FM पर आने वाले नए फीचर कौन कौन से है और उनसे हम as a क्रिएटर कैसे बेनेफिट ले सकते है?
आप यहाँ पर हिन्दी में दुनियां की बेहतरीन बुक्स के साथ साथ वो सभी सीक्रेट्स सीखेंगे जिससे आप अपनी भाषा में पॉडकास्ट बनाकर अपने ओरल स्टोरीटेल टैलेंट से अपने लिए पैसिव इनकम करना शुरू कर सकते है। इस शो में हम डिटेल्स से समझेंगे की कैसे पॉडकास्टिंग हमारे प्रेजेंट को ही नहीं बल्कि गोल्डन फ्यूचर का ताला खोलती है। कैसे हम पॉडकास्टिंग के द्वारा अपने बिज़नस, सर्विस इनकम को बढ़ा सकते है।
 
 
इसके लिए niche का कैसे सिलेक्शन करना होता है? हमारे लिए प्लेटफार्म कौनसा सही रहेगा? क्या मार्केटिंग स्ट्रेटेजी अपनानी चाहिए? रिकॉर्डिंग, वौइस्, इक्विपमेंट, सिस्टम, सोर्स ऑफ़ इनकम, मार्किट आदि सभी के बारे में डिटेल्स से जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
https://kukufm.sng.link/Bpksi/ef5y/x51qहमे अक्सर कहीं न कहीं दुनियां के millionaires, billionaires व एंटरप्रेन्योरस कि पढने कि आदतों के बारे में सुनने या पढ़ने को मिल जाता है कि वे कितना पढ़ते है, और हाँ इस बारे में लिखा भी बहुत गया,जैसे लेखक जेरे कॉर्ले के अनुसार, मार्क गेट जुकरबर्ग की 2015 की किताबें पढ़ने की pledge से लेकर बिल गेट्स की 50 साल पुरानी किताबें पढने की आदत, व वॉरेन बफे कि रोजाना 500 पेज पढने की आदत आदि।जब हम उन बुक्स कि संख्या के बारे में जानते है तो हमें यह संख्या बहुत चुनौतीपूर्ण लगती कि कि कैसे एक इंसान इतना सबकुछ बहुत कम समय में पढ़ सकता है?अब, जैसे कि मैं खुद पाठक हूं, लेकिन मुझे नजदीकी किताबों की दुकान में जाने के मुकाबले कुछ और चीजें भी पसंद हैं। लेकिन, मुझे यह भी पता है कि प्रोफेशनल्स के लिए सीखना जारी रखना, व इस competitive मार्किटप्लेस में अपने स्किल्स व टैलेंट को develop करना कितना इम्पोर्टेन्ट है।लेकिन मेरी तरह शायद most entrepreneurs और small business owners के लिए यह बहुत matter नहीं करता होगा कि इस साल की "बेस्ट ऑफ़ बुक्स लिस्ट" में से हम कितनी बुक्स पढना चाहते है,but हम सभी के लिए यह बहुत matter करता है कि हम हर दिन एक घंटा फिक्स करके कुछ न कुछ तो पढ़ें, लेकिन सच्चाई तो यह है कि हम सबके लिए जीवन में हर दिन का एक घंटा शान्ति से बुक्स के साथ बिताने के लिए है ही नहीं। और कुछ एक को छोड़ कर शायद आपके लिए भी यही सच होगा।हम सभी ने अपने बड़े बुजुर्गों से यह बात तो अवश्य सुनी होगी कि अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान भी कही न कहीं अवश्य उपलब्ध होगा, तो हमारे इस भागदौड़ भरे जीवन में भी हम पढने के लिए कैसे समय निकालें जिसका भी एक तरीका उपलब्ध है, जिसे हम पॉडकास्ट के नाम से जानते है।आज हम बात करेंगे कि कैसे पॉडकास्ट हमें हमारे व्यस्त लाइफ स्टाइल में से हमें हमारी स्किल्स को develop करने व टेलेंट को बढाने के लिए कैसे समय को और ज्यादा बेहतरीन तरीके से सदुपयोग करने में सहायक सिद्ध होता है. और मैं भी ऑडियोबुक्स को लेकर काफी reaserch कर चुका हूँ कि आपके लिए कैसे फुल ऑडियोबुक उपलब्ध करवाऊं, लेकिन अब यह समस्या खत्म हो चुकी है. आप सभी ऑडियोबुक अब KUKUFM app जिसे आप अपने फ़ोन पर डाउनलोड करके जब भी जहाँ भी सुन सकते है व ऑडियोबुक डाउनलोड कर सकते है, और यह सभी के लिए बिलकुल फ्री है.तो आईये जानते है कि आखिर पॉडकास्ट क्यों जरूरी है?हम इसकी हिस्ट्री में न जाते हुए सीधे सीधे समझते है कि पॉडकास्ट के क्या फायदे है......जिसमें सबसे पहला फायदा यह है कि हमारे दिमाग के लिए पढना और सुनना एक जैसा ही होता है.कुछ लोग यह तर्क देते है कि पढ़ने की बजाए सुनना एक तरह कि "चीटिंग" है। और यह शंका उनमें सबसे ज्यादा पाई जाती है जो ज्यादातर ऑडियोबुक सुनते हैं: लेकिन क्या आप जानते है कि जिहें ऑडियोबुक सुनने कि आदत है वे बहुत कम प्रयास से बहुत ज्यादा हासिल कर रहे है। और इस बात को sage पब्लिकेशन कि एक रिसर्च रिपोर्ट भी समर्थन करती है जिसके अनुसार सुनने और पढ़ने के कंटेंट को समझने में कोई अंतर नहीं होता है। यह किसी भी प्रकार कि चीटिंग नहीं हैं – यह तो केवल अपने ज्ञान और समझ को बढाने का एक different medium यानि एक दूसरा तरीका मात्र हैं।आप इससे अपनी need based इनफार्मेशन पा सकते हैं। पॉडकास्ट से आप जिस भी सब्जेक्ट के बारे में ज्यादा जानने की उम्मीद कर रहे हैं, उसकी पूर्ति कर सकते है। क्योंकि अकेले ऐप्पल के ऐप पर 550,00 सक्रिय पॉडकास्ट, और 18.9 मिलियन से अधिक एपिसोड उपलब्ध है, और ऐसे सैकड़ों प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध है जिनपर बिल्लिओंस में एपिसोड उपलब्ध है, इस ज्ञान के अथाह समुन्द्र में आप जो भी जानना चाहते है वह आपसे छुप नहीं सकता। और आप जो भी जानना चाहते है, सीखना चाहते है वह अधिक गहराई से आप पॉडकास्ट पर ही सीख सकते है. क्योंकि पॉडकास्ट हमेशा टॉपिक पर ज्यादा consntrated व deeply बनाये जाते है. इसीलिए पॉडकास्ट को प्रति listner ज्यादा लम्बे समय तक सूना जाता है. अगर आप KUKU FM पर मेरे यानि सीताराम माकड़ पॉडकास्ट को देखेंगे जिसका लिंक डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दिया गया है, तो आप जान पायेंगे कि इस हिंदी ऑडियोबुक पॉडकास्ट का सुनने का टाइम प्रति लिसनर 111 मिनट है. जो दुनियां में उपलब्ध किसी भी दुसरे प्लेटफ़ॉर्म से सबसे ज्यादा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि यह सुनने वालों के लिए कितना पॉवरफुल प्लेटफार्म है.तीसरा कारण भी इसी से मिलता जुलता है कि यह ज्यादा मल्टी टास्किंग है. अगर आप जो सुन रहे है और उस कंटेंट में हाई-क्वालिटी ability हो, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ हैं या आप इसे किस प्लेटफ़ॉर्म पर सुन रहे हैं.पिछले 15 सालों में पॉडकास्टिंग के डेवलपमेंट का यह एक बड़ा कारण रहा है। और सबसे बड़ी बात कि यही वह वजह है जिसने  दुनियां के तमाम ऐसे एन्त्रेप्रेंयूर्स जो अपनी कंपनीयों को बनाने व उन्हें बड़ा बनाने में व्यस्त है उन्हें अपनी और especially attract किया है।इसे आप न केवल आप अपनी यात्राओं के दौरान, लाइन लगे हुए या प्लेन बैठे हुए इत्मीनान से सुन सकते हैं, बल्कि आप अपनी दैनिक जीवन की उन सभी एक्टिविटी को करते हुए भी सुन सकते हैं जो कपड़े धोने से लेकर घर के रख-रखाव और मरम्मत तक के ऐसे काम जो आपका बहुत समय खाते हैं। इससे आप समझ सकते है कि यह enterpreuners इस सुनते हुए भी अपने routeen बिज़नस टास्क पुरे कर सकते है जो टाइम मैनेजमेंट का एक ग्रेट example है।इसे अपनाने का चौथा कारण है कि इससे हम अपने experience की क्वालिटी extraordinary कर सकते है।जब हम किसी news article या ब्लॉग पोस्ट को पढ़ते है तो उसे स्किम या स्कैन नहीं करते हैं। लेकिन जब हम पॉडकास्ट सुनते है तो उसे बहुत ध्यान से सुनते है और उसमें बताये जा रहे दृश्यों के बारे में अपने दिमाग में चित्र बनाते हैं। हम कहानी से जुड़ते हैं, व उससे हम सीखते हैं।आपका सोचना सही है कि बेशक हम पॉडकास्ट सुनना शुरू करते ही तुरंत वॉरेन बफे, स्टीव जॉब्स और अन्य उन जैसे लोगों कि तरह अल्ट्रा-सक्सेस रैंक नहीं पा सकते। इसके लिए उन्होंने अपने द्वारा पढ़े गए अध्यायों का अनुवाद करने के लिए बहुत काम किया था।  पॉडकास्ट कंटेंट directly personaly कम्यूनिकेट करते है जिससे यह हमारी पर्सनल इनफार्मेशन बन जाती है. यह एक convenient व easy consume होने वाला कंटेंट होता है. यह हमारी लर्निंग कोस्ट कम कर देता है. इसे हम कहीं भी कभी भी सुन सकते है इसलिए यह कम्युनिकेशन का एक टाइम-efficient, पोर्टेबल के साथ साथ on-demand टेक्नोलॉजी भी है. पॉडकास्ट हमारी प्रोडक्टिविटी improve करने का एक बेहद पॉवरफुल टूल है.
एटॉमिक हैबिट्स पुस्तक के अध्याय एक के भाग चार में लेखक एक example से समझाते है कि हैबिट्स को बनाने में कौनसी प्रोसेस काम में आती है आइये समझते है:लेखक लिखते है कि कल्पना करें कि आपके सामने एक टेबल पर आइस क्यूब रखी हुई है। कमरे का tempreture अभी 25 डिग्री है, आप अपनी सांसों पर ध्यान लगाये बैठे हैं। कमरे का tempreture धीरे धीरे बढ़ता है।छब्बीस डिग्री।सत्ताईस।अट्ठाइस।आइस क्यूब अभी भी आपके सामने टेबल पर वैसे का वैसे पड़ा हुआ है।उनतीस डिग्री।तीस।इकत्तीस।अभी भी कुछ नहीं हुआ।फिर, बत्तीस डिग्री।  बर्फ पिघलने लगती है। tempreture में मात्र एक डिग्री का बदलाव कोई ज्यादा मायने नहीं रखता है, लेकिन इसने, एक अभी अभी एक बहुत बड़ा बदलाव किया है।Breakthrough Moments अक्सर प्रीवियस एक्शन का रिजल्ट होते हैं, जो एक मेजर चेंज लाने के लिए रिक्वायर्ड पोटेंशियल को बिल्ड-अप करती हैं। यह पैटर्न हर जगह दिखाई देता है।  कैंसर अपनी 80% लाइफ इंसान के शरीर में undetectable रहती है, लेकिन जब यह दिखाई देती है तब मात्र 1 महीने में पुरे शरीर को खत्म कर देती है। bamboo को आप पहले पाँच वर्षों में बमुश्किल ही देख सकते है, क्योकि इस समय यह अंडरग्राउंड extensive रूट सिस्टम बना रहा होता है. लेकिन पांच साल बाद जब यह बाहर निकलता है तो नब्बे फीट तक की लम्बाई पाने में इसे मात्र 6 सप्ताह का समय लगता है। इसी तरह, आदतें अक्सर हमें तब तक दिखाई नहीं देती, जब तक कि इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब ये दिखाई देती है तब ये critical threshold को cross एक नए लेवल पर परफॉर्म कर रही होती है। किसी भी हैबिट के फॉर्म होने कि early एंड middle स्टेज के बीच disappointment कि एक गहरी खाई होती है। आप चाहते है कि प्रोग्रेस एक लीनियर फैशन में हो, लेकिन यह तब और ज्यादा निराशाजनक हो जाता है जब changes दिन, सप्ताह और महीने में भी दिखाई न देते हो। हमें एसा महसूस नहीं होता कि हम कहीं जा भी रहे हैं। किसी भी compounding process कि विशेष पहचान यह होती है कि: सबसे Powerful परिणाम आने में टाइम लगता है।आदतों को बनाना इतना कठिन क्यों है, और यही एक ठोस कारण है कि जिसकी वजह से बहुत से लोग छोटे-छोटे टास्क बीच में ही ड्राप करने पड़ जाते है। जैसे कि आपने सुबह-सुबह जॉगिंग करना शुरू करते है, लेकिन एक महीने बाद आपको अपने शरीर में कोई बदलाव नहीं दिखता? " जब एक बार इस तरह की सोच आप पर हावी हो जाती है, तो जॉगिंग जैसी अच्छी आदत बनानी बहुत आसानी से ड्राप हो जाती है. लेकिन एक meaningful डिफरेंस लाने के लिए, आदत बनाने के बीच में आने वाले temporary पहाड़ तोड़ने के लिए इसे लंबे समय तक जारी रखना होता है।यदि आप एक अच्छी आदत बनाने या एक बुरी आदत छोड़ने के लिए struggle कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इम्प्रोव करने की ability खो चुके हैं। इसका मतलब है कि आप अभी तक आदत बनाने में आने वाले मुश्किलों के पहाड़ को तौड़ नहीं पाए है। लगातार काम करने के बावजूद सफलता न मिलने पर शिकायत करना उसी प्रकार है जैसे आइसक्यूब के लिए tempreture में पच्चीस से इकतीस डिग्री तक बदलाव के बारे में शिकायत करना। इस दौरान आपका काम नहीं व्यर्थ था; यह सिर्फ 32 डिग्री होने के लिए स्टोर हो रहा था।अंततः जब आप 31 डिग्री से 32 डिग्री पर पहुँचते है तो आप सफल हो जाते है, तब लोग सोचते है कि आप रातों-रात सफल  हो गए है। बाहरी दुनिया केवल आपकी सफलता देखती है, बल्कि उसके पीछे कि मेहनत नहीं देख पाती. लेकिन आप यह जानते कि इसके लिए आपने बहुत पहले से एक आदत बनाई थी और उस पर लगातार बने रहे थे जब तक आप सफल नहीं हो गए।मानव स्वभाव और जियोलाजिकल प्रेशर में एक समानता होती है। जैसे दो टेक्टोनिक प्लेटें लाखों वर्षों तक एक दूसरे को धकेलती रहती है, हर समय दोनों के बीच में धीरे-धीरे प्रेशर बनता रहता। फिर, एक दिन, आखिरकार एक दूसरी को धकेल देती है, जिसे बनने के लिए सालों तक के प्रेशर कि वजह से, धरती पर भूकंप के रूप में रिजल्ट आता है. यह रिजल्ट लाखों सालों बाद एक ही बार में आता है।किसी भी स्किल में मास्टरी के लिए पेशेंस यानि धैर्य की आवश्यकता होती है। आगे लेखक सैन एंटोनियो स्पर्स, जो NBA कि हिस्ट्री में सबसे सफल टीम है का उदाहरण देते है, उनके अनुसार जैकब रईस अपने लॉकर रूम में कुछ लाईने लिखी हुई है जो इस प्रकार से है: “जब कोई भी काम रिजल्ट नहीं देता है तब आप एक पत्थर तोड़ने वाले को हथौड़ा मारते हुए देखो,  जब वह पत्थर पर सैंकड़ों बार हथोडा मारता है, फिर भी पत्थर पर कोई असर नहीं होता। लेकिन फिर अचानक आखिरी चौट से पत्थर दो टुकड़ों में झटके से टूट जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आखिरी चोट से पहले वाली चोट बेकार चली गई. पहले कि सभी चोट, आखिरी चोट तक पहुचने के लिए आवश्यक होती है।"
In India Blogging is most popular, but podcasts are still at their nascent stages. As a startup, why not mark the first stone in this arena.
The idea of podcasts is no less than alchemy to your business expansion. Therefore, here is a list of benefits podcasts are going to bring to your business – and will also add to your success story.
 
 
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एक अतिरिक्त कार्य को पूरा करना एक छोटा पराक्रम हैकिसी भी दिन, लेकिन यह एक पूरे कैरियर के लिए बहुत मायने रखता है। का असरकिसी पुराने कार्य को स्वचालित करना या नए कौशल में महारत हासिल करना और भी बड़ा हो सकता है। अधिकऐसे कार्य जिन्हें आप बिना सोचे-समझे कर सकते हैं, आपका मस्तिष्क अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए स्वतंत्र है।
छोटे-छोटे बदलाव करने की आदत कैसे बड़े परिणाम देती देती है. हर रोज के छोटे बदलावों के परिणामों को एक डीफाईनिंग मूमेंट मानकर ओवरअस्टीमेट करना बेहद आसान है होता है. हम बहुत बार यह मानने कि गलती कर बैठते है कि बड़े रिजल्ट्स पाने के लिए बड़े-बड़े एक्शन लेने होते है. जैसे की वजन कम करना, एक बिज़नस खड़ा करना, एक बुक लिखना, एक चैंपियनशिप जीतना और एक एसी हैसियत बनाना जिसके बारे में लोग बात करें.इस बीच, 1 प्रतिशत सुधार, विशेष रूप से नोटेबल नहीं होता-कभी-कभी यह ध्यान देने योग्य भी नहीं होता है - लेकिन लम्बे समय में यह इससे कहीं अधिक हो सकता है. एक छोटा सुधार समय के साथ आश्चर्यजनक हो सकता है। आप देखें कि यहाँ गणित कैसे काम करता है: यदि आप प्रत्येक दिन 1 प्रतिशत बेहतर कर सकते हैं. यही एक वर्ष बाद, आपके द्वारा किए गए समय से सैंतीस गुना बेहतर होगा। इसके विपरीत, यदि आप एक वर्ष के लिए प्रत्येक दिन 1 प्रतिशत खराब प्रदर्शन करते हैं, तो आपमें लगभग जीरो तक गिरावट आ सकती है। आपको सोचना है कि आप वह कौनसे छोटे-छोटे बदलाव कर सकते है जिनके करने से आपको छोटी-छोटी जीत मिल सकती है। आपको बस 1% BETTER EVERY DAY का फार्मूला याद रखना है बस.आदतें सेल्फ-इम्प्रूवमेंट का कंपाउंड-इंटरेस्ट है। यह उसी तरह है से बढ़ता है जैसे पैसा कंपाउंड-इंटरेस्ट यानि चक्रवर्धी ब्याज कि दर से बढ़ता है. जब आप आदतों को दोहराते हैं तो आपकी आदतें कई गुना बढ़ जाती हैं। जब आप आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करते है तो वे दिन, सप्ताह, महीनों और सालों में बहुत बड़े परिणामों में बदल जाती है। जब आप दो, पाँच, या शायद दस साल बाद मुड़कर पीछे देखते है, तो आपको अच्छी आदतों का मूल्य और बुरे लोगों की लागत स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।लेकिन डेली लाइफ में करने के लिए यह एक कठिन काम हो सकता है। हम अक्सर छोटे बदलावों को खारिज कर देते है क्योंकि वे बहुत ज्यादा मायने नहीं रखते हैं. देखिये यदि आप अभी थोड़ा पैसा बचाते हैं, तो आप अभी करोड़पति नहीं बन सकते। यदि आप लगातार तीन दिन जिम जाकर अपनी बॉडी की शेप देखते है तो उसमें आपको कोई बदलाव नहीं नजर आयेंगे। यदि आप आज रात एक घंटे के लिए मेड्रीन का अध्ययन करते हैं, तो आप इतनी देर में भाषा नहीं सिख सकते। हम कुछ समय के लिए कुछ बदलाव जारी रखते है, लेकिन परिणाम न दिखने कि वजह से, कुछ समय के बाद वापस अपनी पुरानी दिनचर्या में लोट जाते है।दुर्भाग्य से, परिवर्तन की धीमी गति भी हमें पुरानी आदत में जाने के लिए मजबूर कर देती है। यदि आप आज एक खराब भोजन करते हैं, तो इसका परिणाम जल्दी नहीं आता, यदि आप आज रात देर तक काम करते हैं और अपने परिवार की उपेक्षा करते हैं, वे आपको भूल जायेंगे। यदि आप अपने आज के काम को कल पर छोड़ देते है, तो यह समय पर पूरा नहीं होगा. आपका एक निर्णय इसे बंद करने के लिए जिम्मेदार होता है।जब हम इन्हीं 1 प्रतिशत गलतियों को लगातार दोहराते रहते हैं, जैसे खराब फैसले, छोटी गलतियों को दोहराना, थोड़ा तर्कसंगत बहाने बनाना, हमारे यही छोटे विकल्प खराब परिणामों में बदल जाते हैं। हमारी 1 प्रतिशत खराब आदतें आखिरकार एक बड़ी समस्या बन जाती है।हमारी आदतों में बदलाव का प्रभाव, हवाई जहाज के रास्ते में कुछ डिग्री का बदलाव करने जैसा है। कल्पना कीजिए कि आप लॉस एंजिल्स से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भर रहे हैं। यदि एक पायलट सिर्फ 3.5 डिग्री दक्षिण गलत दिशा में अपने सिस्टम को सेट कर देता है तो आप न्यूयॉर्क के बजाय वाशिंगटन, डीसी पहुँच जायेंगे। ऐसा छोटे हवाई जहाज की नोक के बराबर टेकऑफ़ में बदलाव मुश्किल से ध्यान में आता है. लेकिन यह बदलाव कुछ ही दूर चलता है तो इसका पता चल जाता है, अगर जब पूरे यूनाइटेड में एसी गलतियाँ बढ़ जाती है तो आप सैकड़ों मील दूर जा सकते है।इसी तरह, आपकी दैनिक आदतों में थोड़ा सा बदलाव आपके जीवन को सही मार्गदर्शन भी दे सकता है और आपको किसी गलत स्थान पर भी पहुंचा सकता है। आप एक विकल्प का चुनाव कर सकते है जो 1 प्रतिशत बेहतर हो सकता है या 1 प्रतिशत खराब भी जो बहुत छोटा मालुम पड़ता है, लेकिन वे पल जो जीवन भर इन विकल्पों को बनाते रहते हैं, कि आप कौन हैं, और आप कौन हो सकते हैं, आपको इसके बीच का अंतर निर्धारित करना होगा। सफलता, दैनिक आदतों का फाइनल प्रोडक्ट है।लेखक कहते है कि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इस समय कितने सफल है या असफल हैं, आपके लिए यह मायने रखता है कि आपकी आदते ही आपको सही दिशा में आगे बढ़ा सकती है। आपको परिणामों कि बजाए अपनी वर्तमान आदतों को देखना चाहिए। यदि आप एक करोड़पति है, लेकिन आप हर महीने जितना कमाते हैं, उससे अधिक खर्च करते हैं तो आप एक बुरे चक्र में हैं। यदि आपकी खर्च करने की आदतें नहीं बदलती हैं, तो आपकी वर्तमान आदतें आपको बर्बाद कर देंगी। इसके विपरीत, यदि आप टूट चुके हैं, लेकिन आप हर महीने थोड़ा बहुत बचाते है, तो आप वित्तीय स्वतन्त्रता की ओर आगे बढ़ रहे है भले ही आप धीमी गति से आगे बढ़ रहे हों।आपके आज के परिणाम आपकी आदतों का एक बड़ा पैमाना हैं। आपकी वेल्थ आपकी फाइनेंसियल हब्बिट्स का एक बड़ा पैमाना है। आपका वजन, आपके अपने खाने की आदतों के उपाय में पिछड़ापन दिखाता है। आपका ज्ञान में पिछड़ापन, आपकी सीखने की आदतों का पैमाना है। आपका अव्यवस्था भरा जीवन, आपकी सफाई की आदतें दिखाता है। आपको वही मिलता है जो आप दोहराते हैं।यदि आप भविष्यवाणी करना चाहते हैं कि आप जीवन में कहां पहुंचेंगे, तो आप छोटे लाभ या छोटे नुकसान की अवस्था का पालन करें, और देखें कि कैसे आप दस या बीस साल में इन आदतों को कंपाउंड करेंगे। कर रहे हैं आप हर महीने जितना कमाते हैं उससे कम खर्च करते हैं? क्या आप इसे बना रहे हैं? हर हफ्ते जिम में? क्या आप किताबें पढ़ रहे हैं और सीख रहे हैं हर दिन कुछ नया? इन जैसे छोटे युद्ध हैं आपके भविष्य को परिभाषित करेगा।समय सफलता और असफलता के बीच के अंतर को बढ़ाता है। यह जो भी आप इसे खिलाते हैं उसे गुणा करें अच्छी आदतें समय को आपकी सहयोगी बनाती हैं। खराब आदतें समय को अपना दुश्मन बनाती हैं।आदतें दोधारी तलवार हैं। बुरी आदतें आपको काट सकती हैं बस के रूप में आसानी से अच्छी आदतें आप का निर्माण कर सकते हैं, यही कारण है कि विवरण समझना महत्वपूर्ण है। आपको यह जानने की जरूरत है कि आदतें कैसी हैं काम करें और उन्हें अपनी पसंद के अनुसार कैसे डिज़ाइन करें, ताकि आप इससे बच सकें ब्लेड का खतरनाक आधा।
क्या आप अपने शौंक को बिज़नस में बदलने के अवसरों कि तलाश कर रहे है? 
तो मैंने इस पुस्तक / ब्लॉग / विडियो सीरीज में, आपके पुस्तकें पढने के शौंक को, बिजनेस में कैसे बदलें? के प्रश्न का उत्तर देने का एक सकारात्मक प्रयास किया है. 
अगर आप किसी का समय बचा रहे है, तब आप सच्चे अर्थों में उसकी मदद कर रहे है. यह कथन उनके लिए सही बैठता है जो ऑडियोबुक्स रिकॉर्ड करके दूसरों को सुनने के लिए उपलब्ध करवाते है, ताकि सुनने वाले का कीमती समय बचे. अगर आप भी इसके बारे में सोच रहे है तो इस बिज़नस का चुनाव आपके लिए बेहतरीन चुनाव साबित होगा. 
आज हम संसार भर में मशहूर बुक एटॉमिक हैबिट के बारे में बात कर रहे है जिसे जेम्स क्लियर ने लिखा है. यह हमें सिखाती है कि मानव कैसे अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके जीवन में मनचाहे अद्भुत परिणाम हासिल कर सकता है.
लेखक पुस्तक कि शुरुआत अपने बचपन के व्यक्तिगत अनुभवों से करते हुए अपने four-step विचार को 6 पार्ट्स के माध्यम से 20 चैप्टर्स में बहुत विस्तार से समझाते है.
 
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