Nazar bhar dekh le
Update: 2023-04-05
Description
नजर भर देख ले मुझको शरण में तेरी आया हूं
कोई माता पिता बंधु सहायक है नहीं मेरा
काम और क्रोध दुश्मन से बहुत दिन से सताया हूं
भुलाकर याद को तेरी पड़ा दुनिया के लालच में
माया के जाल में चारों तरफ से मैं फंसाया हूं
कर्म सब नीचे हैं मेरे तुम्हारा नाम है पावन
तार संसार सागर से गहन जल में डुबाया हूं
छुड़ाकर जन्म बंधन से चरण में राख ले अपने
वो ब्रह्मानंद में मन में यही आशा लगाया हूं
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