भारत की पहली महिला आई .ए. एस.- 'अन्ना राजन मल्होत्रा'
Update: 2021-04-20
Description
*21 अप्रैल,'सिविल सेवा दिवस'*
'सिविल सेवा' किसी भी देश के प्रशासनिक तंत्र की रीड की हड्डी मानी जाती है। भारतीय संसदीय लोकतंत्र में भी संविधान द्वारा निर्धारित कार्यकारी निर्णय इन सिविल सेवकों द्वारा ही कार्यान्वित किए जाते हैं।
आज ही के दिन, 21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन करते हुए, भारतीय लोक सेवा के पहले दल को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' के नाम से संबोधित किया था। स्वतंत्र भारत में सन 1950 से सिविल सेवाएं परीक्षाएं प्रारंभ हुई तथा 2006 से नियमित रूप से हर वर्ष 'सिविल सेवा दिवस' मनाया जाने लगा इसका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों को नागरिकों के लिए समर्पित और वचनबद्ध कार्यों के लिए प्रेरित करना है। इन सिविल सेवकों के पास पारंपरिक और सांविधिक दायित्व भी होते हैं, जो कि कुछ हद तक सत्ता में किसी राजनीतिक पार्टी को अपनी राजनीतिक शक्ति का अनुचित लाभ उठाने एवं उसका निजी हित में इस्तेमाल करने से बचाता है। इस अवसर पर राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा उत्कृष्ट सिविल सेवा देने वाले अधिकारियों को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाता है।
आज इस गौरवपूर्ण दिवस पर मैं आपको जीवट और संघर्ष की प्रतीक बन कर उभरी उस लौह महिला की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जो भारत की पहली आई.ए.एस. महिला थी। ...सुनेंगे?
...तो यह पॉडकास्ट आपके लिए ही है-
'सिविल सेवा' किसी भी देश के प्रशासनिक तंत्र की रीड की हड्डी मानी जाती है। भारतीय संसदीय लोकतंत्र में भी संविधान द्वारा निर्धारित कार्यकारी निर्णय इन सिविल सेवकों द्वारा ही कार्यान्वित किए जाते हैं।
आज ही के दिन, 21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन करते हुए, भारतीय लोक सेवा के पहले दल को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' के नाम से संबोधित किया था। स्वतंत्र भारत में सन 1950 से सिविल सेवाएं परीक्षाएं प्रारंभ हुई तथा 2006 से नियमित रूप से हर वर्ष 'सिविल सेवा दिवस' मनाया जाने लगा इसका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों को नागरिकों के लिए समर्पित और वचनबद्ध कार्यों के लिए प्रेरित करना है। इन सिविल सेवकों के पास पारंपरिक और सांविधिक दायित्व भी होते हैं, जो कि कुछ हद तक सत्ता में किसी राजनीतिक पार्टी को अपनी राजनीतिक शक्ति का अनुचित लाभ उठाने एवं उसका निजी हित में इस्तेमाल करने से बचाता है। इस अवसर पर राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा उत्कृष्ट सिविल सेवा देने वाले अधिकारियों को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाता है।
आज इस गौरवपूर्ण दिवस पर मैं आपको जीवट और संघर्ष की प्रतीक बन कर उभरी उस लौह महिला की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जो भारत की पहली आई.ए.एस. महिला थी। ...सुनेंगे?
...तो यह पॉडकास्ट आपके लिए ही है-
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