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आज की मुस्कान: संकट की घड़ी में नहीं छोड़ा कर्तव्य

आज की मुस्कान: संकट की घड़ी में नहीं छोड़ा कर्तव्य

Update: 2020-05-10
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सुप्रभात दोस्तों, हर रात की एक सुबह होती है, ये तो आपने सुना ही होगा। लेकिन रात के अन्धकार में भी जो लोग निरंतर रौशनी बनकर ज़रूरतमंदो की ज़िन्दगी में उजाला करते हैं, उनकी ख्याति आसमान छूती है. इसी तरह कलयुग के इस दौर में भी जो व्यक्ति दूसरे के हित में सोचता और काम करता है, सोचिये उसका दिल कितना पाक होगा। ऐसे समय में जब, पूरी दुनिया में लोग कोविड-19 जैसे खतरनाक वायरस से बचने के लिए खुद को अपने-अपने घरों में बंद कर रहे है, एक कम्युनिटी है जो आपार सम्मान का हक़दार है। ये है ‘मेडिकल कम्युनिटी’, जो वायरस से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। दुनिया भर में, डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बगैर, मानवजाति को इस खतरनाक वायरस से बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे ही सेवा और समर्पण की एक मिसाल हैं, डॉ. अमीष व्यास। अपनी जान की फिक्र किए बिना, डॉ. व्यास लगातार चीन में कोरोनो वायरस से प्रभावित इलाका, हांगझाऊ में मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं। डॉ. अमीष व्यास भारत के मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर उनकी मां और परिवार परेशान है लेकिन संकट की इस घड़ी में वह जी-जान से अपने कर्तव्य के पालन में लगे हुए हैं। दरअसल, अमीष इस ज़रूरत के समय वुहान पहुंच कर अपने साथी डॉक्टरों व मेडिकल कर्मचारियों की मदद करना चाहता था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में उनके वरिष्ठों ने उन्हें यह खतरनाक कदम उठाने से मना किया। इसी बीच, हांगझाऊ में भी वायरस तेज़ी से फैल गया। डॉ. अमीष और उनकी डॉक्टर पत्नी, दोनों ने फौरन चिकित्सा संस्थान में बनाए गए क्वारंटीन कैंप में सेवा करने का फैसला लिया। तब से वे दोनों वहां लगातार काम कर रहे हैं। संकट की घड़ी में भी अपने कर्तव्य का पालन करने की सीख देती है हमे डॉ. अमीष की कहानी। ऐसी ही ख़ूबसूरत कहानियों, किस्सों और ख़बरों के लिए सुनिए मुख्य खबरें हर दिन , सिर्फ khabri app पर.
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