DiscoverUNPEN - Poetry, Songs & Stories by Sarvajeet D Chandra in Hindustani & Englishपरिंदों से भरा आसमान - सर्वजीत Parindon Se Bhara Aasman - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra
परिंदों से भरा आसमान - सर्वजीत Parindon Se Bhara Aasman - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

परिंदों से भरा आसमान - सर्वजीत Parindon Se Bhara Aasman - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

Update: 2023-02-09
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Description

परिंदों से भरा आसमान - सर्वजीत






हर किसी को अपनी खोज से 


मुख़ातिब करा दे मालिक 


कई नीरस जीवन सुधर जायेंगे


जो बेरंग, नाशाद, सुस्त से बैठे हैं 


किसी तलाश में मसरूफ़ हो जाएँगे


जीवन में एक नया आशय पायेंगे






मूक, असहाय, अन्याय सहते हुओं को


अपनी आवाज़ से परिचित करा दे मालिक 


जर्जर नाव में बैठे, तूफ़ानों से भिड़ जायेंगे 


बार बार टूट कर, जुड़ने का साहस पायेंगे


दरिन्दों से स्वाभिमान, हक़ छीन लेंगे अपना


बहाने नहीं, संवृद्धि के रास्ते खोज लायेंगे






पंख हैं, पर मछली बन बेढब तैरते हैं 


अपनी आशंकाओं से ही घिरे रहते हैं 


किसी और के सपनों को रोज़ जीते हैं


ख़ुद के हुनर से रूबरू करा दे मालिक 


फिर सब अपना खेल खेलेंगे, गीत गायेंगे


ख़ाली आसमान, परिंदों से भर जाएँगे 




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