DiscoverUNPEN - Poetry, Songs & Stories by Sarvajeet D Chandra in Hindustani & Englishपूरा नहीं, अधूरा सा - सर्वजीत Poora Nahin, Adhoora Sa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra
पूरा नहीं, अधूरा सा - सर्वजीत Poora Nahin, Adhoora Sa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

पूरा नहीं, अधूरा सा - सर्वजीत Poora Nahin, Adhoora Sa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

Update: 2022-12-19
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Description

पूरा नहीं, अधूरा सा - सर्वजीत




अपने होने का एहसास चला जाएगा


सितारा भटककर ज़मीं में बस जाएगा 


ज़िंदगी जीकर चली जाएगी मुझको 


तुम्हारी कशिश को कोई कैसे मिटाएगा




जिस शाम के हवाले, छोड़ गए तुम कभी


उन ढलते उजालों में जीवन बीत जाएगा


माँगी हुई ख़ुशियों से दामन भर लूँगा मैं


बुझे हुए दीपों से कोई रात को बहलायेगा




उम्र भर की बातें मुझे, जो करनी हैं तुमसे


उन हसरतों का शोर, ख़ामोश रह जाएगा 


तुम्हारे लिए तैयार हूँ, ऐसा लगा ही नहीं


यह इश्क़ कविता में ही सिमट जाएगा  




भटक ना जाऊँ, तेरी खोज में निकला नहीं 


तेरी राहों में मेरा सुर्ख़  इंतज़ार रह जाएगा 


तेरी तरफ़ आँख भर के कभी देखा ही नहीं 


यक़ीन था ही नहीं कि प्यार पूरा हो जाएगा






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