तेरा आसमाँ -सर्वजीत Tera Aasman - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra
Description
तेरा आसमाँ -सर्वजीत
सुबह मुस्कुराने में
दर्द भरी शाम लगती है
तेरी भीनी ख़ुशबू में खिली
कलियों की सौग़ात लगती है
तुमको क्या है मालूम
यह दिन कैसे बीतते हैं
मेरी घोर निराशा में छुपी
सदियों की आस लगती है
अपने दिल की धड़कनों पर
पल-दो पल तो एतबार कर
तेरी रज़ा-मंद मींची आँखों में
मेरे गीतों की झंकार लगती है
तेरे रिमझिम से सावनों में
मेरी तचती प्यास लगती है
नीम-निगह खामोशी में तेरी
ख़ुश-नुमा निबाह लगती है
जाने कैसे गुजरेगा यह
तेरे ग़म, कमी का मौसम
तेरे इत्तेफाकन मिल जाने में
मेरी पुर-उम्मीद दुआ लगती है
बहुत आसान है अनजान
बेरुख सा, हो जाना तेरा
तेरे आसमाँ की उड़ानों में
मेरी धरा की साँस लगती है
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