दिन 167: परमेश्वर के पीछे चलना, ना कि उनका विरोध करना
Update: 2025-06-16
Description
मुझे अच्छी तरह से याद है वह समय जब कैथलिक चर्च में अल्फा की शुरुवात हुई. न्यूकैसल और हेक्साम के बिशप ऐम्ब्रुस ने सुना कि कुछ इंग्लैंड के चर्च में अल्फा के साथ क्या हो रहा था. वह दिलचस्पी लेने लगे और इसके विषय में और अधिक जानना चाहते थे. किंतु, वह नहीं चाहते थे कि हमें पता चले कि वह दिलचस्पी ले रहे हैं. इसलिए, उन्होंने भेष बदलवा कर दो कैथलिक याजक को लंदन अल्फा कॉन्फरेंस में भेजा! वे अपने-अपने क्षेत्रों में वापस गए और अल्फा की शुरुवात की और महान सफलता प्राप्त की.
इसके परिणामस्वरूप, कार्डिनल हुम ने हमें वेस्टमिंस्टर कैथरडल में कैथलिक के लिए एक कॉन्फरेंस लेने के लिए आमंत्रित किया. वह स्थान 450 कैथलिक याजक और जनसाधारण से भर गया. कैथलिकों के लिए कॉन्फरेंस करने के कारण कुछ लोग हमारी आलोचना कर रहे थे. एक दो चर्च में हमें धमकी भी दी गई कि वे अल्फा का चलना बंद कर देंगे यदि हम इस कॉन्फरेंस को करते हैं. पीछे से यह थोड़ा असाधारण लग रहा था कि कोई विरोध भी करेगा, लेकिन उस समय यह थोड़ी चिंता का विषय था.
कॉन्फरेंस की पहली रात को पवित्र आत्मा महान रूप से ऊंडेला गया और लोग इस तरह से अन्य भाषाएँ बोल रहे थे जैसा कि हमने पहले कभी नहीं सुना था. उस रात मैं घर पहुँचा और आज के लिए लेखांश को पढ़ाः 'अत: जब परमेश्वर ने उन्हें भी वही दान दिया ...तो मैं कौन था जो परमेश्वर को रोक सकता?' (प्रेरितों के काम 11:17 ). यह पवित्र आत्मा था जो उन पर ऊँडेला गया था जैसा कि हमारे साथ हुआ था. मैंने समझा कि यदि हम एक साथ काम करना शुरु नहीं करेंगे, तो मैं भी परमेश्वर का विरोध कर रहा होगा.
सबसे मूर्ख चीज को जो कोई मनुष्य कर सकता है, वह है परमेश्वर का विरोध करना. यीशु का विरोध किया गयाः 'उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला. उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रकट भी कर दिया है' (10:39-40). भिन्न रूप से, सबसे अद्भुत सुविधा जो किसी मनुष्य के पास हो सकती है, वह है नासरी के यीशु का चेला बनना, जिन्हें 'परमेश्वर ने अभिषिक्त किया...पवित्र आत्मा और सामर्थ के साथ' (10:38 ).
इसके परिणामस्वरूप, कार्डिनल हुम ने हमें वेस्टमिंस्टर कैथरडल में कैथलिक के लिए एक कॉन्फरेंस लेने के लिए आमंत्रित किया. वह स्थान 450 कैथलिक याजक और जनसाधारण से भर गया. कैथलिकों के लिए कॉन्फरेंस करने के कारण कुछ लोग हमारी आलोचना कर रहे थे. एक दो चर्च में हमें धमकी भी दी गई कि वे अल्फा का चलना बंद कर देंगे यदि हम इस कॉन्फरेंस को करते हैं. पीछे से यह थोड़ा असाधारण लग रहा था कि कोई विरोध भी करेगा, लेकिन उस समय यह थोड़ी चिंता का विषय था.
कॉन्फरेंस की पहली रात को पवित्र आत्मा महान रूप से ऊंडेला गया और लोग इस तरह से अन्य भाषाएँ बोल रहे थे जैसा कि हमने पहले कभी नहीं सुना था. उस रात मैं घर पहुँचा और आज के लिए लेखांश को पढ़ाः 'अत: जब परमेश्वर ने उन्हें भी वही दान दिया ...तो मैं कौन था जो परमेश्वर को रोक सकता?' (प्रेरितों के काम 11:17 ). यह पवित्र आत्मा था जो उन पर ऊँडेला गया था जैसा कि हमारे साथ हुआ था. मैंने समझा कि यदि हम एक साथ काम करना शुरु नहीं करेंगे, तो मैं भी परमेश्वर का विरोध कर रहा होगा.
सबसे मूर्ख चीज को जो कोई मनुष्य कर सकता है, वह है परमेश्वर का विरोध करना. यीशु का विरोध किया गयाः 'उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला. उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रकट भी कर दिया है' (10:39-40). भिन्न रूप से, सबसे अद्भुत सुविधा जो किसी मनुष्य के पास हो सकती है, वह है नासरी के यीशु का चेला बनना, जिन्हें 'परमेश्वर ने अभिषिक्त किया...पवित्र आत्मा और सामर्थ के साथ' (10:38 ).
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