दिन 179: सामर्थ से सामना किया जाता है
Update: 2025-06-28
Description
कुछ सालों पहले, डेविड (यह उनका असली नाम नहीं है), एक युवा वकील, अल्फा के हमारे छोटे समूह में थे. पहली रात में उन्होंने हमें बताया कि वह एक नास्तिक थे और छोटे समूह की व्यवस्था को भंग करने के उद्देश्य से आये थे, और हर बार जब आते थे तब यही करने का प्रयास करते थे. बहुत से लोग जिस व्यवहार के साथ आते हैं, उनमें से यह पूरी शिक्षा में थोड़ा भी नहीं बदले.
'मैं कैसे बुराई को रोक सकता हूँ' के विषय में बातचीत के बाद, एक युवा महिला, सारा (यह उनका असली नाम नहीं है), जो एक मसीह नहीं थी, उसने कहा कि वह बुराई की सामर्थ में विश्वास नहीं करती थी. यह मुख्य अड़चन थी उनके मसीह बनने में.
लेकिन उस शाम के बाद डेविड बिना किसी कारण के बहुत क्रोधित हो गए, इस तरह से जैसे शैतानी ताकत ने उनका नियंत्रण ले लिया हो, उन्होंने एक भयानक तरीके से हमारे समूह के एक सहायक को भौतिक रूप से डराया. सारा ने इस घटना को देखा. उसने सहायक की स्तंभित कर देनेवाली प्रतिक्रिया पर परमेश्वर की सामर्थ को सौम्यता से नियंत्रित करते हुए देखा. उसकी आँखे आत्मिक विश्व के लिए खुल गई. उस रात उन्होंने यीशु में विश्वास किया.
जॉन विम्बर ने परिभाषित किया 'सामर्थ से सामना होता है' परमेश्वर के राज्य और शैतान के राज्य के बीच टक्कर के रूप में.
पौलुस प्रेरित लिखते हैं, 'हमारी लड़ाई माँस और लहू के विरोध में नहीं है, लेकिन...बुराई के आत्मिक बलों के विरोध में है' (इफीसियो 6:12 ). आपमें परमेश्वर की सामर्थ बुराई की सामर्थ से बड़ी है.
'मैं कैसे बुराई को रोक सकता हूँ' के विषय में बातचीत के बाद, एक युवा महिला, सारा (यह उनका असली नाम नहीं है), जो एक मसीह नहीं थी, उसने कहा कि वह बुराई की सामर्थ में विश्वास नहीं करती थी. यह मुख्य अड़चन थी उनके मसीह बनने में.
लेकिन उस शाम के बाद डेविड बिना किसी कारण के बहुत क्रोधित हो गए, इस तरह से जैसे शैतानी ताकत ने उनका नियंत्रण ले लिया हो, उन्होंने एक भयानक तरीके से हमारे समूह के एक सहायक को भौतिक रूप से डराया. सारा ने इस घटना को देखा. उसने सहायक की स्तंभित कर देनेवाली प्रतिक्रिया पर परमेश्वर की सामर्थ को सौम्यता से नियंत्रित करते हुए देखा. उसकी आँखे आत्मिक विश्व के लिए खुल गई. उस रात उन्होंने यीशु में विश्वास किया.
जॉन विम्बर ने परिभाषित किया 'सामर्थ से सामना होता है' परमेश्वर के राज्य और शैतान के राज्य के बीच टक्कर के रूप में.
पौलुस प्रेरित लिखते हैं, 'हमारी लड़ाई माँस और लहू के विरोध में नहीं है, लेकिन...बुराई के आत्मिक बलों के विरोध में है' (इफीसियो 6:12 ). आपमें परमेश्वर की सामर्थ बुराई की सामर्थ से बड़ी है.
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