Discoverबाइबल एक वर्ष में क्लासिकदिन 172: हृदय से अंतर पड़ता है
दिन 172: हृदय से अंतर पड़ता है

दिन 172: हृदय से अंतर पड़ता है

Update: 2025-06-21
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पॉल स्वाला जाम्बिया में बंदीगृह में थे. उन पर गद्दारी का आरोप लगाया गया था. उन पर आरोप लगा था कि वह सरकार का तख्ता पलटने में शामिल थे. बंदीगृह में उन्होंने अल्फा शुरु किया. वह यीशु से मिले और परमेश्वर से माँगा कि वह उन्हें बचायें. उन्होंने कहा, 'मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और मेरा हृदय शांति से भर गया.'
असाधारण रूप से, आरोपित उन्हत्तर के समूह में से वह एकमात्र व्यक्ति थे, जो रिहा हुए. रॉयल एल्बर्ट हॉल में हमारी लीडरशिप कॉन्फरेंस में, पिछले वर्ष उन्होंने अपनी कहानी बतायी. उनके चेहरे पर परमेश्वर के आनंद की चमक थी. अब वह जाम्बिया के हर बंदीगृह में जाकर यीशु मसीह के सुसमाचार के बारे में बताते हैं और बताते हैं कि कैसी बुरी स्थिति में भी, यीशु आशा ला सकते हैं और हृदयों को बदल सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने यीशु जैसा दोस्त कहीं नहीं देखा.' परमेश्वर ने सच में उनके हृदय को आनंद से भर दिया है.
शब्द 'हृदय' आज के लेखांश में कम से कम सत्रह बार दिखाई देता है. 'हृदय' के विषय में इब्रानी समझ में भावनाएँ शामिल हैं, लेकिन इसमें दिमाग, विवेक और इच्छा भी शामिल है. इसका अर्थ है सबकुछ जो आपके अंदर चल रहा है.
सभी पुरुष और महिलाएँ जिन्हें महान रूप से इस्तेमाल करने के लिए परमेश्वर ने चुना, उनकी कमजोरियां थी और उन्होंने गलतियाँ की. लेकिन परमेश्वर ने देखा कि उनके हृदय परमेश्वर की ओर फिर गए. यह आपका हृदय है जिससे अंतर पड़ता है. आपका हृदय 'परमेश्वर के सामने खुला हुआ है' (नीतिवचन 15:11 ). केवल परमेश्वर हर मनुष्य के हृदय को देखते और जानते हैं (1राजा 8:39 ).
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Nicky and Pippa Gumbel