दिन 166: जब आप परमेश्वर को नहीं समझ पाते
Update: 2025-06-15
Description
जॉन न्यूटन, जिनके जीवन को हमने कल देखा था, उन्होंने विलियम कॉपर नामक एक व्यक्ति को तैयार किया (1731-1800). कॉपर ने विडंबना का अनुभव किया था. जब वह छ: साल के थे तब उनकी माँ मर गई. जब वह छोटे थे तभी उनके पिता का भी देहांत हो गया. वह एक वकील थे. बाहर से वह सफल दिखाई देते थे. किंतु, वह गंभीर उदासी से कष्ट उठा रहे थे....वे प्रशासनिक पद के लिए अर्जी देते समय, जिसके लिए एक औपचारिक परीक्षा देनी पड़ती थी, वह परीक्षा की सफलता के विषय में इतने परेशान थे कि उन्होंने आत्महत्या करने का प्रयास किया. जीवनभर उन्होंने मानसिक बीमारी से कष्ट उठाया.
जब वह तीस वर्ष के थे, तब जॉन न्यूटन ने कॉपर को गीत बनाने के लिए उत्साहित किया. उन्होंने दैनिक जीवन के आनंद और दुख के विषय में शक्तिशाली रूप से लिखा. 1774 में, उन्होंने इतने तीक्ष्ण मानसिक रोग से कष्ट उठाया कि मॅरी उनविन से उनकी होने वाली शादी रूक गई. वह निराश हो चुके थे. थोड़े समय बाद, शायद से उनके सबसे प्रसिद्ध गीत में, उन्होंने लिखाः
परमेश्वर के कार्य करने का तरीका रहस्यमय है
उनके कार्य अद्भुत हैं
परमेश्वर भल्र् हैं. परमेश्वर प्रेम हैं. परमेश्वर आपसे प्रेम करते हैं. परमेश्वर ने अपने आपको मुख्य रूप से यीशु में दिखाया है. यह सब हम जानते हैं. तब आप बाईबल में लेखांश को पढ़ते हैं जो परमेश्वर के विषय में आपकी समझ के साथ उचित नहीं बैठता. जीवन में भी आपके ऐसे अनुभव हैं जो उचित नहीं लगते हैं.
आप परमेश्वर को एक बॉक्स में नहीं रख सकते हैं. वह उससे कही अधिक महान हैं जितना कि आप समझ सकते हैं. बाईबल में कुछ लेखांश रहस्यमय हैं. एक बार यीशु ने कहा, ' जो मैं करता हूँ, तू उसे अभी नहीं जानता, परन्तु इसके बाद समझेगा' (यूहन्ना 13:7). कभी –कभी वह समझ हमारे जीवनकाल में आएगी. कुछ चीजों को हम केवल तभी समझेंगे जब हम परमेश्वर से मिलेंगे.
आपको कैसे उत्तर देना चाहिए जब आप परमेश्वर को नहीं समझ पाते हैं?
जब वह तीस वर्ष के थे, तब जॉन न्यूटन ने कॉपर को गीत बनाने के लिए उत्साहित किया. उन्होंने दैनिक जीवन के आनंद और दुख के विषय में शक्तिशाली रूप से लिखा. 1774 में, उन्होंने इतने तीक्ष्ण मानसिक रोग से कष्ट उठाया कि मॅरी उनविन से उनकी होने वाली शादी रूक गई. वह निराश हो चुके थे. थोड़े समय बाद, शायद से उनके सबसे प्रसिद्ध गीत में, उन्होंने लिखाः
परमेश्वर के कार्य करने का तरीका रहस्यमय है
उनके कार्य अद्भुत हैं
परमेश्वर भल्र् हैं. परमेश्वर प्रेम हैं. परमेश्वर आपसे प्रेम करते हैं. परमेश्वर ने अपने आपको मुख्य रूप से यीशु में दिखाया है. यह सब हम जानते हैं. तब आप बाईबल में लेखांश को पढ़ते हैं जो परमेश्वर के विषय में आपकी समझ के साथ उचित नहीं बैठता. जीवन में भी आपके ऐसे अनुभव हैं जो उचित नहीं लगते हैं.
आप परमेश्वर को एक बॉक्स में नहीं रख सकते हैं. वह उससे कही अधिक महान हैं जितना कि आप समझ सकते हैं. बाईबल में कुछ लेखांश रहस्यमय हैं. एक बार यीशु ने कहा, ' जो मैं करता हूँ, तू उसे अभी नहीं जानता, परन्तु इसके बाद समझेगा' (यूहन्ना 13:7). कभी –कभी वह समझ हमारे जीवनकाल में आएगी. कुछ चीजों को हम केवल तभी समझेंगे जब हम परमेश्वर से मिलेंगे.
आपको कैसे उत्तर देना चाहिए जब आप परमेश्वर को नहीं समझ पाते हैं?
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