दिन 173: मसीही जीवन सरल नहीं है
Update: 2025-06-22
Description
सुसमाचार का प्रचार करने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी पत्नी उनके पास चार बच्चें छोड़कर, मर गई, जिनमें से एक अंधा था. फिर भी उन्होंने सुसमाचार का प्रचार करना छोड़ना अस्वीकार कर दिया.
बंदीगृह की कोठरी में उन्होंने अपने सबसे महानतम कार्य को लिखा. यह आत्मिक उत्साह का एक स्त्रोत रहा है और अनगिनत पाठकों के लिए सहायता है. 200 से अधिक भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है, 1678 में पहली बार प्रकाशित होने के बाद यह कभी भी प्रकाशन से बाहर नहीं गई है.
जॉन बुनयान के द्वारा लिखित 'तीर्थयात्री की उन्नति' एक प्रतीक कथा है. यह एक व्यक्ति की कहानी बताती है जिसका नाम 'क्रिश्चन' है, जो अपने गाँव से स्वर्गीय शहर में यात्रा करता है. रास्ते में वह बहुत सी कठिनाईयों, चुनौतियों और अवरोधों का सामना करते हैं, फिर भी वह अंत तक वफादार बने रहते हैं.
एक मसीह जीवन सरल नहीं है. आप रास्ते में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करेंगे. लेकिन इससे आपको रास्ते से हटाना नहीं चाहिए. वास्वत में, जैसे ही आप यीशु के नजदीक बने रहकर कठिन समयों से गुजरते हैं, वैसे ही आप और अधिक मजबूत होंगे, बुद्धिमान बनेंगे और अधिक मसीह- के जैसा बनेंगे.
बंदीगृह की कोठरी में उन्होंने अपने सबसे महानतम कार्य को लिखा. यह आत्मिक उत्साह का एक स्त्रोत रहा है और अनगिनत पाठकों के लिए सहायता है. 200 से अधिक भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है, 1678 में पहली बार प्रकाशित होने के बाद यह कभी भी प्रकाशन से बाहर नहीं गई है.
जॉन बुनयान के द्वारा लिखित 'तीर्थयात्री की उन्नति' एक प्रतीक कथा है. यह एक व्यक्ति की कहानी बताती है जिसका नाम 'क्रिश्चन' है, जो अपने गाँव से स्वर्गीय शहर में यात्रा करता है. रास्ते में वह बहुत सी कठिनाईयों, चुनौतियों और अवरोधों का सामना करते हैं, फिर भी वह अंत तक वफादार बने रहते हैं.
एक मसीह जीवन सरल नहीं है. आप रास्ते में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करेंगे. लेकिन इससे आपको रास्ते से हटाना नहीं चाहिए. वास्वत में, जैसे ही आप यीशु के नजदीक बने रहकर कठिन समयों से गुजरते हैं, वैसे ही आप और अधिक मजबूत होंगे, बुद्धिमान बनेंगे और अधिक मसीह- के जैसा बनेंगे.
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