दिन 182: सभी महान लीडर्स की सात विशेषताएँ
Update: 2025-07-01
Description
एक ऑनलाईन सर्वेक्षण ने उन सभी गुणों की सूची बनाई जो लोग 'सिद्ध पास्टर से'अपेक्षा करते हैं:
वे सिर्फ बारह मिनट प्रचार करें।
वे अट्ठाईस वर्ष के हो, लेकिन तीस वर्षों से प्रचार कर रहे हैं।
वे हर दिन सुबह 8 बजे से लेकर देर रात तक काम करते हैं, लेकिन ध्यान भी रखते हैं।
वे अक्सर पाप की आलोचना करते हैं, लेकिन कभी भी किसी को दुखी नहीं करते हैं।
वे अच्छे कपड़े पहनते हैं, अच्छी पुस्तकें खरीदते हैं, एक अच्छी गाड़ी चलाते हैं, उदारतापूर्वक गरीबों को देते हैं और कम वेतन पर काम करते हैं।
वे प्रतिदिन सदस्यों के परिवारों को पंद्रह फोन करते हैं, घर पर और अस्पताल में जाकर लोगों से मिलते हैं, अपना पूरा समय अविश्वासियों को सुसमाचार सुनाने में बिताते हैं और जब कभी उनकी जरुरत होती है, तब उपलब्ध होते हैं।
वे बहुत अच्छे भी दिखते हैं!
निश्चित ही, हम सभी जानते हैं कि एक 'सिद्ध पास्टर' जैसी कोई चीज नहीं है। फिर भी, लोग अपने चर्च लीडर्स से जो ऊँची अपेक्षा रखते हैं, उसके द्वारा भयभीत होकर, 1 जुलाई 2004 को (जब मुझे लंदन में एच.टी.बी में पादरी बनने के लिए कहा गया), तब मैंने उत्साहित और उत्तरदायित्व के द्वारा थोड़ा भयभीत महसूस किया। उस दिन, मैंने एक वर्ष में अपनी बाईबल के मार्जिन में अपनी प्रार्थना लिखीः कि मैं खरे मन से लोगों की चरवाही करुँ और अपने हाथ की कुशलता से उनकी अगुवाई करुँ
(भजनसंहिता 78:72 )। आज भी मेरी यह प्रार्थना है।
कल के लेखांश में हमने देखा कि कैसे पौलुस ने इफीसियों के लीडर्स से कहा, ' इसलिये अपनी और पूरे झुण्ड की चौकसी करो जिसमें पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है, कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उसने अपने लहू से मोल लिया है' (प्रेरितों के काम 20:28 )। पोप फ्रांसिस ने चर्च के आत्मिक लीडर्स को चिताया कि 'भेड़ की गंध के साथ रहने वाले चरवाहा बनो'।
एक रखवाली करने वाले का काम है परमेश्वर की भेड़ो का पास्टर बनना, यीशु के उदाहरण के पीछे चलना, जिन्होंने कहा, 'मैं अच्छा चरवाहा हूँ' (यूहन्ना 10:11 )। आज के लेखांश में हम सभी महान लीडर्स की सात विशेषताओं को देखते हैं।
वे सिर्फ बारह मिनट प्रचार करें।
वे अट्ठाईस वर्ष के हो, लेकिन तीस वर्षों से प्रचार कर रहे हैं।
वे हर दिन सुबह 8 बजे से लेकर देर रात तक काम करते हैं, लेकिन ध्यान भी रखते हैं।
वे अक्सर पाप की आलोचना करते हैं, लेकिन कभी भी किसी को दुखी नहीं करते हैं।
वे अच्छे कपड़े पहनते हैं, अच्छी पुस्तकें खरीदते हैं, एक अच्छी गाड़ी चलाते हैं, उदारतापूर्वक गरीबों को देते हैं और कम वेतन पर काम करते हैं।
वे प्रतिदिन सदस्यों के परिवारों को पंद्रह फोन करते हैं, घर पर और अस्पताल में जाकर लोगों से मिलते हैं, अपना पूरा समय अविश्वासियों को सुसमाचार सुनाने में बिताते हैं और जब कभी उनकी जरुरत होती है, तब उपलब्ध होते हैं।
वे बहुत अच्छे भी दिखते हैं!
निश्चित ही, हम सभी जानते हैं कि एक 'सिद्ध पास्टर' जैसी कोई चीज नहीं है। फिर भी, लोग अपने चर्च लीडर्स से जो ऊँची अपेक्षा रखते हैं, उसके द्वारा भयभीत होकर, 1 जुलाई 2004 को (जब मुझे लंदन में एच.टी.बी में पादरी बनने के लिए कहा गया), तब मैंने उत्साहित और उत्तरदायित्व के द्वारा थोड़ा भयभीत महसूस किया। उस दिन, मैंने एक वर्ष में अपनी बाईबल के मार्जिन में अपनी प्रार्थना लिखीः कि मैं खरे मन से लोगों की चरवाही करुँ और अपने हाथ की कुशलता से उनकी अगुवाई करुँ
(भजनसंहिता 78:72 )। आज भी मेरी यह प्रार्थना है।
कल के लेखांश में हमने देखा कि कैसे पौलुस ने इफीसियों के लीडर्स से कहा, ' इसलिये अपनी और पूरे झुण्ड की चौकसी करो जिसमें पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है, कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उसने अपने लहू से मोल लिया है' (प्रेरितों के काम 20:28 )। पोप फ्रांसिस ने चर्च के आत्मिक लीडर्स को चिताया कि 'भेड़ की गंध के साथ रहने वाले चरवाहा बनो'।
एक रखवाली करने वाले का काम है परमेश्वर की भेड़ो का पास्टर बनना, यीशु के उदाहरण के पीछे चलना, जिन्होंने कहा, 'मैं अच्छा चरवाहा हूँ' (यूहन्ना 10:11 )। आज के लेखांश में हम सभी महान लीडर्स की सात विशेषताओं को देखते हैं।
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